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तथाकदित समाज सेवी आराधना मालवीय पर उसके पति ने दर्ज कराई एफआईआर

पति ने दर्ज कराई एफआईआर

*तथाकथित समाजसेवी आराधना मालवी पर उसके पति ने दर्ज कराई एफआईआर*

*भाइयों के साथ मिलकर ठगी करने – रची साजिश, आमला पुलिस ने एफआईआर के बाद भी नहीं की गिरफ्तारी!*

कार्रवाई नहीं होने पर जनसुनवाई में फरियाद लेकर पहुंचा आवेदक

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आमला । आमला में एक डॉक्टर के साथ संगठित अपराध का मामला सामने आया है। शासकीय अस्पताल आमला में कार्यरत मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश राव वागद्रे ने जनसुनवाई में आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई कि उनकी पत्नी आराधना उर्फ स्वीटी मालवी और उसके भाइयों अरुण मालवी और तरुण मालवी ने संगठित रूप से ठगी करने और सुनियोजित षड्यंत्र करके शादी के नाम पर उन्हें धोखा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इन आरोपियों को बचा रही है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
डॉ. मुकेश वागद्रे के अनुसार, बैतूल जिले के *आमला में बोड़खी रोड पर स्थित* *मालवी ऑप्टिकल एवं आई क्लिनिक की संचालक आराधना उर्फ स्वीटी मालवी ने स्वयं को प्रतिष्ठित परिवार का बताकर और अनाथ होने और डॉक्टर होने का दावा कर शादी की थी। बाद में पता चला कि यह सब झूठ है, आराधना मालवी और उसके दोनों भाई आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। इनके खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन फिर भी ये खुलेआम घूम रहे हैं।

– बिहार, भोपाल और बैतूल में दर्ज हैं ठगी के कई मामले
शिकायत आवेदन में डॉ. वागद्रे ने बताया कि भागलपुर, बिहार में आराधना और उसके भाइयों ने शादी और सगाई के नाम पर 16 लाख रुपये की ठगी की, जिसके चलते वहां एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, लेकिन पुलिस अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
इसी तरह भोपाल के मिसरोद थाने में एफआईआर दर्ज है, जिसमें अरुण और तरुण मालवी पर भारतीय खाद्य निगम के फर्जी दस्तावेज बनाकर छिंदवाड़ा निवासी अरुण साहू से 40 लाख रुपये की ठगी का आरोप है। इसके अलावा, थाना आमला में दर्ज एफआईआर के तहत आराधना मालवी के पिता सुरेश मालवी और भाई अरुण व तरुण मालवी पर एससी एसटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज है। इस केस में गिरफ्तारी तब हुई जब फरियादी ने पुलिस महानिदेशक (DGP) भोपाल को शिकायत दी।

– नाम बदलकर धोखाधड़ी, करोड़ों की ठगी के आरोप
डॉ. वागद्रे के अनुसार, आराधना ने पहले अपना नाम स्वीटी मालवी रखा था, लेकिन 2019 में नाम बदलकर आराधना मालवी कर लिया। उन्होंने आशंका जताई कि यह नाम परिवर्तन भी किसी बड़े अपराध को छुपाने के लिए किया गया हो सकता है।

*डॉक्टर ने बताया कि आराधना और उसके भाइयों ने उनसे शादी करके उन्हें फंसाने की साजिश रची और दहेज उत्पीड़न तथा अप्राकृतिक कृत्य के झूठे आरोप लगाकर भोपाल के मिसरोद थाने में केस दर्ज कराया। इस मामले में आराधना को अदालत ने कई बार गवाही के लिए बुलाया, लेकिन वह पेश नहीं हुई। डॉक्टर का कहना है कि उसका विवाह आराधना उर्फ स्वीटी मालवी से आदर्श विवाह के रूप में बिना किसी लेनदेन बिना किसी दान दहेज के हुआ था जिसके संबंध में डॉक्टर के पास शादी से पहले किया गया एग्रीमेंट भी है । लेकिन आराधना मालवीय और उसके दोनों भाइयों ने डॉक्टर के खिलाफ उक्त दहेज उत्पीड़न के केस में पुलिस को बयान दिए हैं कि उन्होंने डॉक्टर को करोड़ों का दहेज दिया है इसी आधार पर डॉक्टर ने आमला थाने में आराधना मालवी और उसके दोनों भाइयों के खिलाफ दहेज देने का अपराध कारित करने और गाली-गलौज करने की ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश की, तो बड़ी मुश्किल से एफआईआर दर्ज हुई। लेकिन पुलिस ने अब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया।*

– सुषमा महिला जनकल्याण समिति के कार्यों और बैंक खाता और खर्चों की जांच की मांग
डॉ मुकेश वागद्रे का कहना है कि सुषमा महिला जनकल्याण एवं बाल विकास सेवा समिति नाम का NGO है जिसमें बतौर अध्यक्ष खुद आराधना मालवी कोषाध्यक्ष और सचिव इसके दोनों भाई तरुण मालवी और अरुण मालवी है, इस प्रकार एक ही घर के सभी सदस्य मिलकर एनजीओ चलाते हैं । NGO के माध्यम से समाजसेवी होने की नौटंकी करते हैं और NGO को माध्यम बनाकर बड़े-बड़े लोगों से संपर्क बनाकर उन संपर्क को का इस्तेमाल पुलिस पर प्रेशर बनाने और उन पर होने वाली कार्रवाई को रोकने के लिए करते हैं । एनजीओ की आड़ में भी बड़े पैमाने पर पैसों का लेनदेन ब्लैक मनी को वाइट मनी में बदलने का काम करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता हैं | मैंने आराधना मालवीय के एनजीओ में होने वाले कार्यों खर्चो और बैंक खाता की जांच करने की मांग की है ।

– धमकियां देने का आरोप
डॉक्टर वागद्रे ने बताया कि आराधना और उसके भाई खुलेआम घूम रहे हैं और सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अनावेदक कह रहे हैं, डॉक्टर ने हम पर केस किया है ना, उसे देख लेंगे, पुलिस तो हमारी है, हमारा कुछ नहीं होगा।
उन्होंने 24 अप्रैल 2023 को पुलिस अधीक्षक बैतूल को जान का खतरा होने की सूचना दी थी, लेकिन इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जनसुनवाई के माध्यम से उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि यदि उनके या उनके परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके लिए आराधना मालवी, अरुण मालवी, तरुण मालवी और उनके गिरोह को जिम्मेदार ठहराया जाए।

– पुलिस पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप
डॉक्टर का आरोप है कि पुलिस पिछले कई वर्षों से इस गिरोह को संरक्षण दे रही है और उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। लगातार शिकायतों के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं की गई, जिससे वे मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। अब उन्होंने जनसुनवाई के माध्यम से जिला प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि इन अपराधियों पर तुरंत कार्यवाही की जाए, गिरफ्तार किया जाए, मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।

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