बोरी से बोलैंड सारणी तक सड़क पर हो गए गड्ढे प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
बोरी सारणी रोड पर हो गए गड्ढे

नवनिर्मित बोरी से बेलोंड़ डामर सड़क मे हुए गड्डे
रोजाना हो रही दुर्घटनाए ,ग्रामीणों की जांच की मांग
आमला। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को भ्रष्टाचार का दीमक अंदर ही अंदर खोखला कर रहा है। ब्लाक में इस योजना के तहत बनाई गई कई सड़कें भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं। अनेको किमी की सड़कों में ही जगह-जगह दरारें आ गई है डामर उखड़ने से सड़क मे फैली हुई गिट्टिया साफ नजर आ रही है। करोड़ों रुपये की लागत से सड़क का निर्माण किया जा रहा है जिसमें नियम-कायदे ताक पर रखे जा रहे हैं। ग्राम बोरी से सारणी मार्ग पर वर्ष 2021-022 मे 5 करोड़ 33 लाख की लागत से बोरी से बेलोंड तक 9.90 की मी सड़क निर्माण होनी थी लेकिन बोरी से बनी ग्राम घिसी व अन्य स्थानों पर डामर सड़क उखड़ गई है जगह जगह् सड़क मे दरारे आ गई है ।ग्राम बोरी के लखन यादव ,गोलू बेले,छोटू कहार सहित अन्य ग्रामीणों ने एजेंसी पर गुणवत्ता हीन निर्माण के आरोप लगाकर जांच की मांग की है ।
ग्रामीण लखन यादव ने बताया ग्राम बोरी चौक के पास लगभग 500 मीटर सीसी सड़क का घटिया निर्माण एजेंसी ने किया निर्माण स्थल पर विभाग का कोई इंजीनियर भी मौजूद नही रहता था जिस जगह सीसी बनाई गई वहा पानी थम रहा है बारिश मे आवाजाही करने वालों को परेशानिया होती वही उक्त सड़क के घटिया निर्माण और जांच की शिकायत् पूर्व मे जिला पंचायत सदस्य श्रीमती देवकी यादव द्वारा को भी की गई थी।
रोजाना हो रही दुर्घटनाए
बोरी से सारणी व सारणी से मुलताई रोजाना हजारों लोग इस मार्ग से आवाजही करते है नवनिर्मित सड़क का अनेको स्थान पर डामर उखड़ने से गड्डे हो गये है खस्ताहाल होने रोजाना दोपहिया वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे है इस मार्ग से रोजाना इट व रेत के ट्रेक्टर ट्रालिया भी संचालित होते है जिसके कारण राहगीरों को आवाजाही मे काफी परेशानी होती है।
योजना में गुणवत्ताहीन काम
करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाली ये सड़कें स्तरहीन और निम्न दर्जे की बन रही है साइड पर निर्माण देखने सबंधित विभाग के इंजीनयर भी नही रहते जिससे एजेंसिया और मनमानी करती है. जिन सड़कों को कम से कम 5 साल के लिए अच्छी स्थिति में होने का दावा विभाग कर रहा है, उन सड़कों का आलम यह है कि बनने के कुछ महीनो बाद ही, सड़कें उखड़ रही है। है. ग्रामीण भी मानते हैं कि ऐसी सड़क का 5 साल चलना नामुमकिन है।
निर्माण एजेंसी को अफसरों का संरक्षण
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि घटिया निर्माण कार्य की जानकारी विभागीय अफसरों को है। इसके बाद भी कार्रवाई करने के बजाय हाथ में हाथ धरे बैठे हुए हैं। निर्माण एजेंसी को विभागीय अफसरों का संरक्षण मिल रहा है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया जिससे सड़कों में दरार आनी शुरू हो गई है। चंद महीनों में सड़कें धंसकने के साथ डामर भी उखडऩे लगा है।